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Edge Computing क्या हैं ? एज कंप्यूटिंग कैसे काम करता हैं ?

दोस्तों जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा हैं वैसे वैसे हमारा डाटा भी बढ़ता जा रहा है और हम लोग Meachine learning और AI (Artificial Intelligence) पर निर्भर होते जा रहे हैं। जिसके कारण हमारा बैंड-विथ (bandwidth) कॉस्टिंग भी बढ़ रहा हैं और ऐसे में हमे अपने इंटरनेट के लिए भी ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं तो ऐसे में इसका एक समाधान निकाला गया हैं जिसका नाम एज कंप्यूटिंग (Edge Computing) हैं अब आप सोच रहे होंगे की एज कम्प्यूटिंग क्या होता हैं तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम बताते हैं की एज कंप्यूटिंग क्या होता हैं और यह कैसे काम करता हैं और इसके क्या लाभ हैं?

एज कंप्यूटिंग (Edge Computing) क्या है ?

एज कंप्यूटिंग (Edge Computing) का निर्माण 2001 में हुआ था। Edge की फुल फॉर्म Enhanced Data Rates For GSM Architecture हैं। एज कंप्यूटिंग को 3 जी की पूर्व तकनीक भी कहा जाता है। एज कंप्यूटिंग में एज का मतलब बढ़त होता है और कंप्यूटिंग का मतलब गड़ना होता है। एज कंप्यूटिंग एक स्थानीय नेटवर्क में डेटा को प्रोसेस करता है और दूरस्थ डेटा केंद्रों को डेटा नहीं भेजता है। एज कंप्यूटिंग डिवाइस के करीब स्थित नेटवर्क पर इसे संसाधित करके डेटा को आवश्यक डेटा केंद्र में ले जाता है। एज कंप्यूटिंग डाटा नेटवर्क का एक नया सिस्टम हैं और   एज कंप्यूटिंग वह हैं जो कॉर्पोरेट नेटवर्क के किनारे पर होती है, “किनारे” को उस स्थान के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां अंत डिवाइस बाकी नेटवर्क तक पहुंचते हैं – फोन, लैपटॉप, औद्योगिक रोबोट और सेंसर जैसी चीजें ।एज कंप्यूटिंग को हम क्लाउड कंप्यूटिंग का एक्सटेंशन या एडिशनल टाइप भी कह सकते हैं और एज कंप्यूटिंग का उद्देश्य यह हैं की आप सारे ऑपरेशन क्लाउड सर्विंग में करने की बजाय कुछ ऑपरेशन अपने लोकल सर्वर में भी कर सकते हैं

एज कंप्यूटिंग कैसे काम करता हैं ?

एज कंप्यूटिंग क्लाउड नेटवर्क के किनारे पर काम करता है और डेटा के स्रोत को सेंट्रलाइज्ड ना करके डिवाइस के पास ही नेटवर्क पर काम करता है। यह संचार को लम्बा न करके बैंडविड्थ को कम करता है। यह एक कोड और सॉफ्टवेयर की तरह होता हैं जो क्लाउड के किनारे ही काम करता हैं और इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम होता है इसलिए डेवलपर्स को इसे अपडेट करने की आवश्यकता नहीं होती है। एज कंप्यूटिंग उन जगहों पर काम का बोझ डालती है जहां डेटा बनाया जाता है और जहां कार्रवाई करने की जरूरत होती है। यह कनेक्टेड उपकरणों द्वारा बनाए गए डेटा के फेनोमेनल पैमाने और जटिलता को संबोधित करता है क्युकी अधिक से अधिक डेटा रिमोट IoT एज डिवाइस और सर्वर से आता है, इसलिए डेटा पर तेज़ी से कार्य करना महत्वपूर्ण है। जल्दी से कार्य करने से कंपनियों को नए व्यवसाय के अवसरों को जब्त करने, परिचालन क्षमता बढ़ाने और ग्राहकों के अनुभवों में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

एज कंप्यूटिंग के ख़ास फीचर क्या हैं ?

एज कंप्यूटिंग में ऐसी बहुत सारी खाश चीज़े हैं जो इसे क्लाउड कंप्यूटिंग से एडवांस बनाती हैं जैसे :-
स्पीड :- जहा आज के समय में सभी के लिए समय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है वही एज कंप्यूटिंग समय को कम करके डाटा प्रोसेस की स्पीड को बढ़ाता हैं। इसकी लेटेंसी को मिली सेकंड में मापा गया हैं जिसके कारन इसकी स्पीड औरो के मुताबिक अच्छी हैं।
सुरक्षा :- जिस तरह से हैकिंग बढ़ती जा रही है तो उसका यहां ख़ास ध्यान रखा गया हैं एज कंप्यूटिंग  सर्विसेज के साथ डिवाइस को एन्ड तो एन्ड एन्क्रिप्शन और डाटा एन्क्रिप्ट की  सुरक्षा भी देता हैं जिससे हैकिंग की संभावना कम हैं और यहां उपभोक्ता की सभी सुचना और डाटा काफी हद तक सुरक्षित रहती हैं
रिलायबिलिटी:- इंटरनेट की स्पीड कम होने पर भी यह बराबर काम करता हैं और डाटा को अच्छे से संभाल कर रखता हैं।
लागत :-  कंपनियों में ज्यादा मात्रा में डाटा स्टोर किया जाता हैं जिसकी वजह से बैंडविथ का ज्यादा Use होता हैं और उसकी लागत भी बढ़ जाती हैं इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग की कीमत कई करोड़ो में होने के कारण यह अभी दुनिया में बहुत कम है  लेकिन एज कंप्यूटिंग की लागत क्लाउड कंप्यूटिंग के मुताबिक कई गुना कम हैं क्युकी इसमें डाटा को लोकल server पर ही स्टोर किया जाता हैं।
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स :- यानि इंटरनेट पर ही आधारित डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं क्युकी यह डाटा को लोकेशन के आधार पर प्रोसेस करता हैं और सिर्फ महत्वपूर्ण डाटा को मैं सर्वर पर भेजता हैं।

एज कंप्यूटिंग के दुष्प्रभाव क्या हैं ?

एज कंप्यूटिंग के लिए डिवाइस की अधिक स्टोरेज की आवश्यकता होती हैं ।

यह सिर्फ लोकल नेटवर्क पर ही काम करता हैं और जो जरुरी डाटा होता हैं सिर्फ उसे ही मैन सर्वर पर भेजता हैं और बाकि डाटा को डिलीट कर देता हैं ।

एज कम्प्यूटिंग के नेटवर्क में क्लाउड सर्वर के मुताबिक बहुत कम डेटा संगठन की क्षमता है, जो कठिनाइयों का कारण बन सकता है।

इसकी वास्तुकला पूरी तरह से क्लाउड कंप्यूटिंग के विपरीत है जिसके कारण इसे कई कंप्यूटिंग नोटों के साथ अलग-अलग नेटवर्क बनाए रखना बहुत मुश्किल है।

 

Pallavi

Pallavi is a young dynamic tech geek at TBH. She is currently the person behind our social media. She likes to write and talk about Smartphones, Android, Tech News and more. You can find her on social media or Scrolling Tech News when she is not writing.

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