टेक्नोलॉजी

टैलिप्राम्प्टर (Teleprompter) क्या होता हैं और ये कैसे काम करता है?

टेलीप्राम्प्टर एक खास तरीके का डिस्प्ले उपकरण है, जो राजनेता, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि के भाषणों के समय उपयोग किया जाता है। यह उपकरण उन्हें उनके भाषण का पाठ पढ़ने में सहायता प्रदान करता है और इसका उपयोग उन्हें बिना किसी संवादित लेखक के सहायता के अद्यतित टेक्स्ट प्रदान करने में मदद करता है। टेलीप्राम्प्टर एक बड़ी मदद होती है क्योंकि वक्ता उसे पढ़कर सीधे कैमरे की दिशा में देखता है और उसे याद रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

टेलीप्राम्प्टर के निर्माण में “टेली” शब्द “दूर” का अर्थ होता है, और “प्रोम्प्टर” शब्द “स्मरण करने वाला” या “अनुबोधक” का अर्थ होता है। इसलिए, टेलीप्राम्प्टर एक उपकरण है जो वक्ता को दूर स्थित टेक्स्ट का स्मरण करने में मदद करता है। यह उपकरण एक विशेष डिस्प्ले स्क्रीन होता है जिस पर टेक्स्ट प्रदर्शित होता है, जो वक्ता के सामने स्थापित किया जाता है। यह स्क्रीन वक्ता के चश्मे की दिशा में स्थापित होता है ताकि वह सीधे कैमरे की दिशा में देखता रह सके और टेक्स्ट को पढ़ सके। इस प्रकार, टेलीप्राम्प्टर वक्ता को टेक्स्ट को याद रखने की चिंता किए बिना अद्यतित करने में सहायता प्रदान करता है।

टेलीप्राम्प्टर कार्य का सिद्धांत एक बायपैस दिशा बदलने पर आधारित होता है। जब वक्ता टेलीप्राम्प्टर उपकरण के सामने खड़ा होता है, उसके पीछे स्थापित मॉनिटर या डिस्प्ले पर टेक्स्ट स्क्रीन प्रदर्शित होता है। यह स्क्रीन विशेष प्रयोजनों के लिए तैयार किए गए दृश्य टेक्स्ट को प्रदर्शित करता है, जिसे वक्ता पढ़ सकता है।

टेलीप्राम्प्टर में एक बायपैस या एग्जिस्टर दिशा उपयोग की जाती है। यह एक उपकरण है जो टेक्स्ट स्क्रीन को एक कांटे पर टिकाए रखता है और उसे दिशा बदलने की सुविधा प्रदान करता है। जब वक्ता टेक्स्ट पढ़ता है, उसकी दृष्टि कैमरे की दिशा में रहती है जबकि स्क्रीन उसके साथ दिशा बदलती है। इस प्रक्रिया में, वक्ता को ऐसा लगता है कि वह सीधे कैमरे को देख रहा है और टेक्स्ट को पढ़ रहा है, जबकि वास्तविकता में वह स्क्रीन को पढ़ रहा होता है।

टेलीप्राम्प्टर की सटीकता और अवधि वक्ता के अनुसार निर्धारित होती है। उपयोगकर्ता टेक्स्ट की गति को नियंत्रित कर सकता है ताकि वक्ता को सुविधाजनक दिशा बदलने का समय मिल सके। कुछ टेलीप्राम्प्टर उपकरण वक्ता की आवाज को भी समर्थित करते हैं, जिससे वक्ता आवाज को सुन सकता है और टेक्स्ट के साथ समन्वय कर सकता है।

इस प्रकार, टेलीप्राम्प्टर उपकरण वक्ता को अद्यतित टेक्स्ट प्रदर्शित करने में मदद करता है, जिससे वह टेक्स्ट को सीधे कैमरे की दिशा में देखते रह सकता है और संबोधन के दौरान अपनी बातों को सुविधाजनक ढंग से प्रस्तुत कर सकता है।

2000 में दुनिया में उपलब्ध टेलीप्रॉम्प्टर अपारदर्शी Display के साथ थे और इस्तेमाल किये जाने वाले विभिन्न आकार और आकार के थे। उस समय, ये उपकरण मुख्य रूप से लाइव टेलीविजन प्रसारण या पब्लिक भाषणों के दौरान उपयोग होते थे, जहां वक्ता वाचकों को देखने के बजाय कैमरे के सामने देख सकता था और संबंधित पाठ पढ़ सकता था।

समय के साथ, टेलीप्रॉम्प्टर तकनीकी प्रगति की वजह से भी बदल गए हैं। आजकल के टेलीप्रॉम्प्टर आंतरफलक और प्रतिरूप एकरूपता में वृद्धि की गई है, और डिस्प्ले प्रौद्योगिकी के उन्नयन के साथ उन्नत बनाया गया है। आधुनिक टेलीप्रॉम्प्टर अब स्मार्टफोन या टैबलेट आदि के साथ युक्त होते हैं और वायरलेस तकनीक का भी उपयोग करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से टेक्स्ट को संपादित कर सकते हैं और इसे उपकरण पर प्रदर्शित कर सकते हैं।

टेलीप्रॉम्प्टर कार्य का सिद्धांत एक सरल प्रक्रिया पर आधारित है। पहले, टेक्स्ट उत्पन्न किया जाता है जो वक्ता या प्रमुख व्यक्ति के लिए प्रदर्शित करने के लिए उपयुक्त होता है। फिर, टेक्स्ट एक विशेष संग्रहालय में संग्रहीत किया जाता है जिसे टेलीप्रॉम्प्टर के साथ जोड़ा जा सकता है। टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण या सॉफ़्टवेयर वाणिज्यिक या व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपलब्ध होता है।

टेलीप्रॉम्प्टर के लिए तीन मुख्य घटक होते हैं:

  1. मॉनिटर या डिस्प्ले: एक एकरूपता डिस्प्ले जो टेक्स्ट प्रदर्शित करता है। यह डिस्प्ले वक्ता के सामने स्थापित होता है ताकि वह टेक्स्ट को आसानी से पठ सके।
  2. डिस्प्ले सिस्टम या सॉफ़्टवेयर: यह सॉफ़्टवेयर टेक्स्ट प्रबंधन और प्रदर्शन की सुविधा प्रदान करता है। इसमें वक्ता टेक्स्ट को संपादित कर सकता है, फ़ॉन्ट और आकार चुन सकता है, रंग और प्रदर्शन सेटिंग्स बदल सकता है और टेक्स्ट को संग्रहीत कर सकता है।
  3. बाहरी उपकरण: टेलीप्रॉम्प्टर उपयोगकर्ता के लिए कमरे के आगे स्थापित किए जाने वाले उपकरणों को शामिल कर सकता है। यह उपकरण एक शीशा या बाहरी डिस्प्ले के रूप में उपयोग किया जा सकता है जो टेक्स्ट को वक्ता के सामने प्रदर्शित करता है। इसका उपयोग कैमरे की दिशा में वक्ता को आंखों को हटाने की आवश्यकता नहीं होती है और वह बातचीत के दौरान सीधे कैमरे की दिशा में देखता रहता है।

यदि हम टेलीप्रॉम्प्टर कार्य की प्रक्रिया को और विस्तार से समझें, तो उपकरण का काम इस प्रकार होता है:

  1. पहले, वक्ता द्वारा प्रदर्शित किया जाने वाला टेक्स्ट तैयार किया जाता है। यह टेक्स्ट विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हो सकता है, जैसे कि लिखित स्क्रिप्ट, नोट्स, प्रश्नोत्तरी, आदि।
  2. टेक्स्ट संग्रहीत करने के बाद, यह टेक्स्ट टेलीप्रॉम्प्टर सॉफ़्टवेयर द्वारा प्रबंधित किया जाता है। वक्ता टेक्स्ट को संपादित कर सकता है, जैसे कि फ़ॉन्ट, आकार, रंग आदि को बदलकर टेक्स्ट को अपनी प्राथमिकता के अनुसार समायोजित कर सकता है। यह सॉफ़्टवेयर टेक्स्ट को आवश्यक ढंग से प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक गति और प्रदर्शन सेटिंग्स को निर्धारित करता है।
  3. टेक्स्ट का प्रदर्शन वक्ता के सामने स्थापित किए जाने वाले मॉनिटर या डिस्प्ले द्वारा किया जाता है। वक्ता टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण के पीछे खड़ा होता है और टेक्स्ट को उपकरण के आगे स्थापित किए जाने वाले शीशे या डिस्प्ले में पढ़ता है। इसका अर्थ है कि वक्ता को टेक्स्ट को सीधे कैमरे की दिशा में देखने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि वह उपकरण के सामने ही टेक्स्ट को पढ़ता है जबकि उसकी दृष्टि कैमरे की दिशा में रहती है।

यदि हम इसकी तकनीकी प्रक्रिया की और जाएं, तो टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण एक वाणिज्यिक मॉनिटर या डिस्प्ले के रूप में बना होता है। यह डिस्प्ले आमतौर पर लीड (LED) या एलसीडी (LCD) पैनल का उपयोग करके तैयार किया जाता है। टेक्स्ट को एक संग्रहालय में संग्रहीत किया जाता है, जो सामग्री को व्यवस्थित और प्रदर्शित करने के लिए सॉफ़्टवेयर के साथ समन्वित होता है।

टेलीप्रॉम्प्टर सॉफ़्टवेयर वक्ता को टेक्स्ट प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न विशेषताओं के साथ आता है। वक्ता टेक्स्ट को संपादित कर सकता है, जैसे कि फ़ॉन्ट, आकार, रंग, बॉल्ड, इटैलिक, आदि चुन सकता है। इसके अलावा, टेक्स्ट की गति और प्रदर्शन सेटिंग्स भी समायोजित की जा सकती हैं, जिससे वक्ता को आराम से पढ़ने के लिए सुविधा मिलती है।

 

टैलिप्राम्प्टर (Teleprompter) कैसे काम करता है?

टेलीप्रॉम्प्टर काम करते समय, टेक्स्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है जो वक्ता के सामने स्थापित किया जाता है। यह स्क्रीन वक्ता के चश्मे की दिशा में स्थापित होता है ताकि वह सीधे कैमरे की दिशा में देखता रह सके और टेक्स्ट को पढ़ सके।

टेलीप्रॉम्प्टर कार्य का सिद्धांत एक बायपैस दिशा बदलकर काम करता है। जब वक्ता टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण के सम्मुख खड़ा होता है, उसके पीछे स्थापित मॉनिटर या डिस्प्ले पर टेक्स्ट स्क्रीन प्रदर्शित होता है। यह स्क्रीन विशेष प्रयोजनों के लिए तैयार किए गए दृश्य टेक्स्ट को प्रदर्शित करता है, जिसे वक्ता पढ़ सकता है।

टेलीप्रॉम्प्टर के साथ एक एग्जिस्टर या बायपैस दिशा उपयोग की जाती है। यह एक उपकरण है जो टेक्स्ट स्क्रीन को एक कांटे पर टिकाए रखता है और उसे दिशा बदलने की सुविधा प्रदान करता है। जब वक्ता टेक्स्ट पढ़ता है, उसकी दृष्टि कैमरे की दिशा में रहती है जबकि स्क्रीन उसके साथ दिशा बदलती है। इस प्रक्रिया में, वक्ता को ऐसा लगता है कि वह सीधे कैमरे को देख रहा है और टेक्स्ट को पढ़ रहा है, जबकि वास्तविकता में वह स्क्रीन को पढ़ रहा होता है।

टेलीप्रॉम्प्टर की सटीकता और अवधि वक्ता के अनुसार निर्धारित होती हैं। उपयोगकर्ता टेक्स्ट की गति को नियंत्रित कर सकता है ताकि वक्ता को सुविधाजनक दिशा बदलने का समय मिल सके। कुछ टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण वक्ता की आवाज को भी समर्थित करते हैं, जिससे वक्ता आवाज को सुन सकता है और टेक्स्ट के साथ समन्वय कर सकता है।

इस प्रकार, टेलीप्रॉम्प्टर उपकरण वक्ता को अद्यतित टेक्स्ट प्रदर्शित करने में मदद करता है, जिससे वह टेक्स्ट को सीधे कैमरे की दिशा में देखते रह सकता है और संबोधन के दौरान अपनी बातों को सुविधाजनक ढंग से प्रस्तुत कर सकता है।

Neha Rai

नेहा राय TechBlogHindi.com की संस्थापक - संपादक हैं। वह एक टेक कंटेंट स्पेशलिस्ट, और प्रो कंटेंट मार्केटर हैं। जब अपने वर्कस्टेशन पर नहीं होती है , तो वह अपने फोन पर Tech News & Google को लास्ट तक स्क्रॉल करते हुए पायी जा सकती है।

One thought on “टैलिप्राम्प्टर (Teleprompter) क्या होता हैं और ये कैसे काम करता है?

  • Lorri Erard

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